Hariyali Teej 2023: क्या होती है हरियाली तीज और किसने रखा था सबसे पहले तीज व्रत? जानिए इसका महत्व इस ख़बर में
- By Sheena --
- Thursday, 03 Aug, 2023
Hariyali Teej 2023 Importance and Significance
Hariyali Teej 2023: सावन का महीना चल रहा है और इस मौसम में तीज का त्यौहार मनाया जाता है साथ ही इस त्यौहार की हिंदू धर्म में बहुत ख़ास माना है। वैसे तो यह दिन हर महिला व कन्या के लिए खास होता है लेकिन सुहागिन महिलाओं के लिए हरियाली तीज बहुत ही महत्वपूर्ण माना गया है। हरियाली तीज के दिन महिलाएं निर्जला व्रत कर अपने पति की लंबी उम्र की कामना करती हैं। वहीं कुंवारी कन्याएं भी हरियाली तीज के दिन अच्छे जीवनसाथी की कामना से मां पार्वती का पूजन करती हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि सबसे पहले किसने रखा था हरियाली तीज का व्रत और क्यों? आइए जानते इसके बारे में सबकुछ....
हरियाली तीज का महत्व
हरियाली तीज का व्रत सुहागिन महिलाएं रखती हैं और इस दिन निर्जला व्रत रखा जाता है। दिनभर निर्जला व्रत रखने के बाद शाम के समय विधि-विधान से मां पार्वती और भगवान शिव का पूजन किया जाता है। पूजा के दौरान मां पार्वती को सुहाग की सामग्री अर्पित की जाती है जिसमें हरी चूड़ियां, हरे रंग की साड़ी, मेहंदी, बिंदी और आलता शामिल होते हैं। पूजा के बाद व्रत कथा अवश्य पढ़नी चाहिए। हरियाली तीज के दिन घरों में उत्सव मनाया जाता है, घरों में पकवान बनते हैं। इस दिन झूला झूलने की परंपरा होती है।
हरियाली तीज पर पहले किसने रखा था व्रत?
हर व्रत व त्योहार के पीछे एक पौराणिक कथा छिपी होती है और इसी तरह हरियाली तीज से जुड़ी हुई एक प्रचलित कथा है। जिसके जरिए यह पता चलता है कि आखिर सबसे पहले हरियाली तीज का व्रत किसने रखा था? पौराणिक मान्यताओं के अनुसार हरियाली तीज का व्रत सबसे पहले राजा हिमालय की पुत्री पार्वती ने रखा था और इस व्रत के फलस्वरूप ही उन्हें भगवान शिव पति के रूप में प्राप्त हुए थे। इसलिए कुंवारी कन्याएं भी एक अच्छे जीवनसाथी की कामना से हरियाली तीज का व्रत रखती हैं। मान्यताओं के अनुसार जिस तरह हरियाली तीज का व्रत करने से माता पार्वती ने भगवान शिव को पति के रूप में पाया, उसी तरह हर महिला को उसकी मनचाहा वर मिले।